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Last Updated:October 18, 2025, 11:27 IST

Health Tips: यह कांटेदार पौधा सिर्फ देखने में साधारण नहीं, बल्कि औषधीय गुणों से भरपूर है. यह लिवर को स्वस्थ रखने, शरीर से विषाक्त तत्वों को निकालने और त्वचा रोगों को दूर करने में बेहद फायदेमंद साबित होता है. आयुर्वेद में इसे प्राकृतिक औषधि के रूप में खास महत्व दिया गया है.मिल्क थीसल

अक्सर हम कांटेदार पौधे को देखकर यहीं सोचते हैं कि इसको छूने से हमें काटा चुभ सकता है. लेकिन यह वास्तव में कई कांटेदार पौधे हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. इनमें सेहत का खजाना छिपा हुआ होता है. ऐसा ही एक पौधा है मिल्क थीसल, यह एक औषधि कांटेदार पौधा है. पुराने लोग इसे जड़ी बूटी वाला कांटा कहते हैं क्योंकि इसके कांटे जितने खतरनाक दिखते हैं इसके फायदे उतने ही जबरदस्त है.

मिल्क थिसल

मिल्क थिसल राजस्थान के गांव में सदियों से इस्तेमाल होता आ रहा है .बुजुर्ग लोग कहते हैं कि यह पौधा जितना कांटेदार है उतना ही शरीर के लिए अच्छा है. मिल्क थीसल के प्रमुख लाभों में लिवर का स्वास्थ्य सुधारना, शरीर को डिटॉक्सिफाई करना और एंटीऑक्सीडेंट गुण प्रदान करना शामिल है. यह त्वचा के स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है. कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है और इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने में मदद कर सकता है. इसके अलावा इसमें सूजन रोधी गुण होते हैं जो कुछ कैंसर और एलर्जी अस्थमा के लक्षणों को कम करने में सहायक हो सकते हैं.

मिल्क थीसल

आयुर्वेदिक डॉक्टर मुकेश शर्मा ने बताया कि यह सिर्फ एक पौधा नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए खजाना है. खास तौर पर यह लीवर स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होता है. मिल्क थीसल लीवर की कोशिकाओं की रक्षा करता है और उन्हें क्षति से बचाता है. यह फैटी लिवर हेपेटाइटिस और सिरोसिस जैसी लीवर की बीमारियों के लिए सहायक उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.

मिल्क थीसल

उन्होंने बताया कि मिल्क थीसल लीवर को डिटॉक्स करने और शरीर से विषाक्त पदार्थ को निकालने में मदद करता है. इसमें मौजूद सिलीमारीन एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो शरीर को फ्री रेडिकल से होने वाले नुकसान से बचाता है. इसके साथ ही यह त्वचा स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद है.अपने एंटीऑक्सीडेंट और सूजन रोधी गुणों के कारण यह मुंहासे और अन्य त्वचा समस्याओं को कम करने में सहायक होता है.

मिल्क थीसल

आयुर्वेदिक डॉक्टर के अनुसार, यह कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है. टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों में इंसुलिन प्रतिरोध को कम करके रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है. इसमें पाए जाने वाले सिलीमारीन प्रोस्टेट स्तन और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है और एपोप्टोसिस की प्रक्रिया को तेज कर सकता है.

मिल्क थीसल

ग्रामीण महिला सरिता देवी ने मिल्क थीसल का उपयोग करने की विधि बताई है. उन्होंने बताया कि इसमें कांटे लगे होते हैं तो इसे किस तरह उपयोग में ला सकते हैं इसके बारे में बताया गया है कि इसे चाय के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके लिए सबसे पहले जड़ों को अच्छी धोकर छोटे टुकड़ों में काट ले, उसके बाद धूप में सुखा दे सुखने करने के बाद, चाय के बर्तन में पानी उबाले और उसमें 5 से 6 जड़ के टुकड़े डालें. 10 से 15 मिनट धीमी आंच पर उबालने के बाद इसे छानकर कप में डालें और स्वाद के लिए थोड़ा सा शहद या गुड मिलाए. रोज सुबह या शाम इसे हम चाय के रूप में पी सकते हैं.

मिल्क थिसल

यह पौधा कांटेदार और मजबूत होता है. इसकी जड़े सुगंधित और औषधिय गुणों से भरपूर होती है. इसकी जड़ों को धूप में सुखाकर लंबे समय तक रखा जा सकता है.गांव के लोग इसे खेत से ताजा काटकर इस्तेमाल करना पसंद करते हैं क्योंकि तब इसके असर सबसे ज्यादा होते हैं. गांव की महिलाएं कहती है कि अगर चाय में थोड़ी अदरक और पुदीना भी डाल दी जाए तो स्वाद दोगुना बढ़ जाता हैं. इसकी चाय पीने से पेट हल्का रहता है और रोगों से बचाव भी होता है.

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October 18, 2025, 11:27 IST

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कांटों में छिपा सेहत का खज़ाना…जो दिखे जंगल में साधारण पौधा

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