Rajasthan

अंधेरा होते ही थम जाएगा सबकुछ, राजस्थान के 28 शहरों में पसरेगा सन्नाटा, गूंजेगी सिर्फ एक आवाज

जयपुरः 7 मई की शाम को राजस्थान के 28 शहरों में कुछ पल के लिए सब कुछ थम जाएगा. सायरन गूंजेगा, लाइटें बुझेंगी, सड़कें सूनी हो जाएंगी और एक आभासी आपातकाल जैसी स्थिति देखने को मिलेगी, लेकिन घबराइए नहीं यह सब एक राष्ट्रीय स्तर की सुरक्षा मॉक ड्रिल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य है देश की नागरिक सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी को परखना.

क्या है इस मॉक ड्रिल की खासियत?यह मॉक ड्रिल गृह मंत्रालय के निर्देश पर देशभर के 244 ‘नागरिक सुरक्षा जिलों’ में आयोजित की जा रही है, जिनमें राजस्थान के 28 शहर शामिल हैं. हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद यह अभ्यास और भी महत्वपूर्ण हो गया है.

राजस्थान में कहां-कहां होगी ड्रिल?राज्य के प्रमुख शहर जैसे जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, कोटा, उदयपुर सहित कुल 28 शहरों को ड्रिल में शामिल किया गया. जयपुर में 22 सायरन लगे हुए हैं, लेकिन उनमें से सिर्फ 10 ही फिलहाल कार्यशील हैं. बीकानेर में 10 और जोधपुर में 18 स्थानों पर सायरन सक्रिय रहेंगे. अजमेर, अलवर, बाड़मेर, भरतपुर, बीकानेर, बुंदी, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़,  जैसलमेर, उदयपुर, जोधपुर, सीकर, सुरतगढ़, अबू रोड, भिवारी,फुलेरा, लालगढ़, पाली, भीलवाड़ा, सवाई माधोपुर, जालोर समेत अन्य.

ब्लैकआउट का होगा अभ्यासड्रिल के दौरान हवाई हमले जैसी स्थिति का अभ्यास किया जाएगा. जैसे ही सायरन बजेगा, शहरों में पूर्ण ब्लैकआउट किया जाएगा. घरों की लाइटें बंद होंगी, मोबाइल टॉर्च और स्ट्रीट लाइटें बुझाई जाएंगी. वाहनों की हेडलाइट्स बंद की जाएंगी. यहां तक कि टोल बूथों और ट्रैफिक लाइट्स पर भी अंधकार छा जाएगा. इस दौरान नागरिकों को सिखाया जाएगा कि आपदा या हमले के समय किस तरह शांत रहकर उचित कदम उठाए जाएं.

जयपुर की तैयारियां और चुनौतियांजयपुर में कुछ सायरन चालू स्थिति में हैं, जबकि आमेर, हीरापुरा, मानसरोवर जैसे क्षेत्रों में सायरन खराब हैं. आमेर में एक सायरन तो कोर्ट केस में फंसा हुआ है. सिविल डिफेंस विभाग इन सायरनों को ठीक कराने के लिए लगातार पत्राचार कर रहा है.

प्रशासनिक कवायद जोरों परमुख्य सचिव सुधांश पंत मंगलवार शाम 4 बजे सभी जिलों के कलेक्टर, एसपी और विभागीय अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक लेंगे, जिसमें मॉक ड्रिल की रूपरेखा और जिम्मेदारियों को अंतिम रूप दिया जाएगा.

क्या-क्या होगा इस अभ्यास में?हवाई हमले की चेतावनी प्रणाली का परीक्षण. रेडियो और हॉटलाइन संचार लिंक का अभ्यास. ब्लैकआउट उपायों की कार्यप्रणाली का मूल्यांकन. नागरिकों, छात्रों और संस्थानों को सुरक्षा प्रशिक्षण. अग्निशमन, बचाव और निकासी योजनाओं की जांच. महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को छिपाने की तैयारियों का परीक्षण.

प्रशासन की जनता से अपील यह केवल एक अभ्यास है, लेकिन इसका महत्व बहुत गहरा है. आम नागरिकों से अपील है कि वे डरें नहीं, बल्कि इसमें सक्रिय भागीदारी करें. यह अभ्यास हमें तैयार करता है उन हालातों के लिए, जो उम्मीद तो नहीं की जाती लेकिन कभी भी आ सकते हैं. तो 7 मई को शाम 4 बजे तैयार रहें – जब सायरन बजेगा, शहर थमेगा, और हम सब मिलकर सुरक्षा का अभ्यास करेंगे.

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