सावन में किस्मत बदल देने वाले मंत्र! इन दो मंत्रों के जाप से हो जाएंगे मालामाल, रोग होंगे दूर

मोहित शर्मा/ करौली. देवों के देव महादेव का सावन मास चल रहा है. ऐसी मान्यता है कि सावन मास भगवान शंकर की आराधना का सबसे प्रियतम महीना कहा जाता है. लेकिन इस साल का सावन मास 59 दिवसीय होने के कारण ज्यादा फलदाई रहने वाला है. ऐसा कहा जा रहा है कि ऐसा शुभ संयोग सावन मास में 19 साल बाद देखने को मिला है. यही वजह है इन दिनों शिवभक्त तमाम तरह की आराधना कर, महादेव की भक्ति में डुबकी लगाकर उन्हें प्रसन्न करने में जुटे हुए हैं.
कोई महादेव को प्रसन्न करने के लिए जलाभिषेक तो कोई दूध, दही, इत्र, का अभिषेक तो कोई भांग धतूरे का प्रसाद लगाकर भोलेनाथ को रिझा रहा है. लेकिन क्या आपको मालूम है सावन के इस पावन महीने में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दो साधारण मंत्र भी ऐसे है. जिनका सावन मास में यदि जाप किया जाए तो केवल यह दो मंत्र ही आपकी किस्मत बुलंद कर सकते हैं. तो आइए जानते हैं उन खास मंत्रों के बारे में.
कर्मकांड ज्योतिषी मनीष उपाध्याय बताते हैं कि सावन मास को साम्य सदा श्रीप्रिय मास कहा जाता है. मतलब की यह महीना भगवान शिव का अतिप्रिय कहलाता है और अबकी बार तो अधिक मास भी इसमें प्रवेश कर चुका है तो मणिकांचन योग तो स्वत: ही बन गया है. उनका कहना है कि इस सावन मास जो भी भक्त महामृत्युंजय मंत्र का अनुष्ठान करता करें तो इसका उन्हें 100% फल मिलेगा.
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ
घी का दीपक जलाकर 11 बार करना है मंत्र का जाप :
ज्योतिषी बताते हैं कि यह महामृत्युंजय मंत्र कैसी भी विपत्ति, रोग, या व्याधि हों. अगर कोई भी भक्त इसका 11 बार, 21 बार या फिर 108 बार शंकर जी के मंदिर में घी का दीपक जलाकर इसका जप करता है तो किसी भी बड़े से बड़े रोग की निवृत्ति संभव है.
यह है दूसरा मंत्र :
ॐ मृत्युंजय महादेव त्राहिमां शरणागतम
जन्म मृत्यु जरा व्याधि पीड़ितं कर्म बंधनः
ज्योतिषी का कहना है कि मृत्युंजय मंत्र के स्मरण से भी भक्त अपनी सारी विपत्ति दूर कर सकते हैं. इसके साथ ही ज्योतिषी का यह भी कहना है कि जो इन दोनों मंत्रों का उच्चारण भी नहीं कर सकता है तो वह केवल तीन अक्षरी मंत्र का भी जाप कर सकते हैं. जो पुरे महामृत्युंजय मंत्र का बीज है.
: ॐ हौं जूं सः … ज्योतिषी के अनुसार जिस जातक की कुंडली में कालसर्प दोष है अथवा मांगलिक दोष है. ऐसा व्यक्ति अगर सावन में घी का दीपक जलाकर, लाल आसन पर बैठकर और उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुंह करके इस मंत्र का रुद्राक्ष की माला से 108 बार जप करते हैं तो शास्त्रों के अनुसार ऐसा मानना और विद्वानों द्वारा इसका परीक्षण भी किया गया है कि जितने भी प्रकार के असाध्य रोग होते हैं. जिसे डॉक्टर भी ठीक नहीं कर पाते हैं. वह सभी महादेव बाबा की कृपा से इन मंत्रों के जाप से ठीक हो जाते हैं.
नोट : यह तमाम दावे और जानकारी ज्योतिष विद्या पर आधारित है. न्यूज़ 18 ऐसे दावों की पुष्टि नहीं करता है.
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FIRST PUBLISHED : July 24, 2023, 19:33 IST