How to early detect heart attack-हार्ट अटैक की पहले पहचान कैसे करें

Test to risk of Heart Attack: आज के समय में युवाओं में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. चलते-चलते, डांस करते-करते लोगों की मौत हो रही है. इसका कारण हार्ट अटैक, हार्ट फेल, कार्डिएक अरेस्ट के रूप में सामने आता है. हार्ट अटैक आने के कई कारण होते हैं. इसके लिए खून की धमनियों में चिपचिपा पदार्थ कोलेस्ट्रॉल का चिपकना मुख्य रूप से जिम्मेदार है लेकिन अन्य भी कई कारण होते हैं. पर अब एक टेस्ट से बहुत पहले यह पता चल जाएगा कि किसी व्यक्ति में हार्ट अटैक कब आने वाला है. यानी किसी व्यक्ति में हार्ट अटैक का जोखिम कितना है और कब तक इसके आने की आशंका है. इस टेस्ट का नाम है सीटी कैल्शियम स्कोर.
सीटी कैल्शियम स्कोर क्या है सीटी कैल्शियम स्कोर यानी कंप्यूटेड टोमोग्राफी कोरोनरी कैल्शियम स्कोरिंग. इसका मतलब है कि खून में कैल्शियम की वह मात्रा जो कोरोनरी आर्टरी यानी हार्ट तक जाने वाली धमनियों के रास्ते में बाधा पहुंचाने की क्षमता रखती हो, इस कैल्शियम की माप से यह पता चलता है कि भविष्य में किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक का कितना खतरा है. वैज्ञानिकों ने बताया कि अब तक जितनी भी वैज्ञानिक जांच है उसमें सीटी कैल्शियम टेस्ट सबसे पहले किसी व्यक्ति में हार्ट अटैक की आशंका का पता लगाने में सक्षम है. यह जांच धमनियों में कैल्शियम के संचय या जमाव को मापता है. यह संचय कोरोनरी आर्टरी डिजीज के शुरुआती चरणों को दिखाता है. यह अधिकांश हार्ट अटैक का मुख्य कारण है. अधिकांश प्रीमैच्योर हार्ट अटैक के रोगियों में कोई भी लक्षण खुद से पता नहीं चलता. इसलिए वह अनजान रहता है कि उसके दिल में परेशानी शुरू हो गई है. ऐसे में कैल्शियम स्कोर महत्वपूर्ण हो जाता है. यह चुपके से होने वाली दिल की बीमारी का सबसे पहले पता लगाता है और डॉक्टरों को इलाज शुरू करने का अवसर देता है. अगर कैल्शियम स्कोर बढ़ा हुआ है तो डॉक्टर पहले से इलाज कर हार्ट अटैक के जोखिम को खत्म कर सकता है.
कितना होना चाहिए CT कैल्शियम स्कोरअगर सीटी स्कोर 0 तक है तो इसका मतलब है कि आपको हार्ट अटैक का जोखिम बहुत कम है. अगर सीटी स्कोर 1 से 100 के बीच है तो इसका मतलब है कि अभी आपको बहुत मामूली जोखिम है लेकिन अगर यह 100 से ज्यादा है तो अब आपको हार्ट अटैक का जोखिम शुरू हो चुका है, इसलिए अभी से रेगुलर एक्सरसाइज करना शुरू कर दीजिए और हेल्दी डाइट ले लीजिए. डॉक्टर से जरूर मिलिए. कुछ और जांच में अगर स्थिति खराब है तो अभी से दवा शुरू हो जाएगी तो फिर हार्ट अटैक का जोखिम खत्म हो जाएगा. अग सीटी कैल्शियम स्कोर 300 से ज्यादा है तो तत्काल दवा की जरूरत पड़ेगी या हो सकता है कि इसके लिए सर्जरी भी करानी पड़े. 300 से ज्यादा सीटी कैल्शियम का मतलब है कि आप हार्ट अटैक के उच्च जोखिम में है. हार्ट अटैक कभी भी आ सकता है. हालांकि इतना होने के बावजूद आपको रत्ती भर महसूस नहीं होगा कि आपके अंदर क्या हो रहा है.किन लोगों को ज्यादा खतरा जिन लोगों का खान-पान और लाइफस्टाइल जितना खराब होता है, उन लोगों को हार्ट अटैक का उतना खतरा रहता है. एक्सरसाइज नहीं करना, देर से सोना, देर से उठना, ज्यादा वक्त मोबाइल पर बिताना, सोते समय स्क्रीन देखना, पिज्जा, बर्गर, जंक फूड, फास्ट फूड, प्रोसेस्ड फूड का ज्यादा सेवन करना, कम सोना, सिगरेट-शराब का सेवन करना, ये सब ऐसे कारक हैं जो किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक के रिस्क को कई गुना बढ़ा देता है. युवाओं में खासकर ऐसी आदतें पनप गई हैं.कैल्शियम स्कोर का टेस्ट किसके लिए जरूरीसीटी कैल्शियम स्कोर उन युवाओं को कराने की ज्यादा जरूरी है जिनके परिवार में दिल की बीमारी का इतिहास है. यानी माता-पिता, नाना-नानी, दादा-दादी में से किसी को भी हार्ट से जुड़ी परेशानी रही हो. वहीं जिन लोगों के सीने में दर्द रहता है, जिन्हें सांस लेने में दिक्कत होती है, जिनका वजन बहुत बढ़ा हुआ है, जिन्हें डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रोल हो, उन्हें यह टेस्ट जरूर कराना चाहिए. इसके साथ ही शराब और सिगरेट लेने वाले लोगों को भी यह टेस्ट कराना चाहिए. टेस्ट हमेशा कार्डियोलॉजिस्ट की सलाह से करानी चाहिए क्योंकि इस टेस्ट के साथ कुछ और टेस्ट कराने होते हैं. यदि आप युवा हैं, तो यह न समझें कि आप दिल की बीमारी से सुरक्षित हैं. कैल्शियम स्कोर की सक्रिय जांच आपके जीवन को बचा सकती है. इसकी जल्दी पहचान, जीवनशैली में बदलाव और समय पर इलाज चुपके से होने वाली इन बीमारियों से बचने का सबसे बेहतरीन तरीका है. इसलिए शरीर में लक्षणों का इंतजार न करें. अपना दिल जांचें और अपने भविष्य को सुरक्षित करें.
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