‘गाजा युद्ध में बच्चों को मरने देता’, ईश्वर के वजूद पर जावेद अख्तर का करारा प्रहार, धार्मिक हिंसा की उधेड़ी बखिया

Last Updated:December 21, 2025, 18:43 IST
जावेद अख्तर ने इस्लामिक स्कॉलर मुफ्ती शमाइल नदवी से ईश्वर के वजूद पर तीखी बहस की और कई सवाल खड़े किए. उन्होंने मानवीय त्रासदी, गाजा युद्ध और धर्म को आधार बनाकर हिंसा करने वाली सोच की बखिया उधेड़ी. भयानक हिंसा के बीच ‘दयालु ईश्वर’ की अवधारणा पर करारा प्रहार किया. उन्होंने अपनी बहस के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जिक्र किया और तंज के अंदाज में उनकी तारीफ भी की.
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जावेद अख्तर की मुफ्ती नदवी से तीखी बहस (फोटो साभार: YouTube/Videograb)
नई दिल्ली: जावेद अख्तर और इस्लामिक स्कॉलर मुफ्ती शमाइल नदवी के बीच जबरदस्त बहस हुई, जिसका गवाह बने दिल्ली का कॉन्स्टिट्यूशन क्लब और वहां बैठे दर्शक. ईश्वर के वजूद को नकारते जावेद अख्तर के सवालों में उलझे इस्लामिक स्कॉलर मुफ्ती शमाइल ने नई बहस को जन्म दिया, जिसकी आग सोशल मीडिया तक फैलनी लाजमी थी.
‘ईश्वर के अस्तित्व’ को लेकर जावेद और मुफ्ती के बीच करीब दो घंटे बहस चली, जिसे लल्लनटॉप ने ऑर्गेनाइज किया था. नास्तिक जावेद अख्तर ने धार्मिक स्कॉलर के सामने नैतिकता को आधार बनाकर अपने निजी अनुभव बयां किए. उन्होंने ईश्वर की अवधारणा में नैतिक विरोधाभासों का हवाला देकर मानवीय पीड़ा, अपराध और युद्ध पर अपनी बेबाक राय दी. स्कॉलर मुफ्ती शमाइल ने उनके सवालों का बखूबी जवाब दिया.
गाजा युद्ध का किया जिक्रजावेद अख्तर ने गाजा युद्ध में मारे गए 70 हजार फिलिस्तीनियों का जिक्र करके कहा कि ऐसे हालातों में दयालु और सर्वशक्तिमान ईश्वर के वजूद को स्वीकारना समझ से परे है. उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि सर्वशक्तिमान ईश्वर अगर हर जगह मौजूद है, तो उन्होंने गाजा में बच्चों के टुकड़े होते हुए देखा होगा. ऐसे हालात में जावेद अख्तर ईश्वर के वजूद पर यकीन नहीं करना चाहते. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ईश्वर से बेहतर बताते हुए तंज कसा, ‘यहां प्रधानमंत्री उससे बेहतर हैं. वे कुछ तो ख्याल रखते हैं.’
जावेद अख्तर ने उठाए कड़े सवालजावेद अख्तर ने धर्म के आधार पर हिंसा को बढ़ावा देने वाले नजरिये पर प्रहार किया. उन्होंने पूछा कि ईश्वर का जिक्र आते ही सवाल पूछना क्यों बंद हो जाता है. वे पूछते हैं, ‘अगर ईश्वर मौजूद होते, तो बमबारी में बच्चों को मरने नहीं देते. अगर मौजूद होते हुए वह ऐसा होने देता है, तो उसके होने या न होने से कोई फर्क नहीं पड़ता.’ मुफ्ती शमाइल ने मानवीय आपदाओं को मनुष्यों के कर्मों का फल बताया. उन्होंने कहा कि हिंसा या बलात्कार जैसे अपराध मनुष्यों ने किया है, यह ईश्वर की मंशा से नहीं हुआ है. उन्होंने ईश्वर को भौतिक दुनिया से परे बताया और कहा कि वैज्ञानिक तरक्की से ईश्वर की जरूरत समाप्त नहीं हो जाती.
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अभिषेक नागर News 18 Digital में Senior Sub Editor के पद पर काम कर रहे हैं. वे News 18 Digital की एंटरटेनमेंट टीम का हिस्सा हैं. वे बीते 6 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं. वे News 18 Digital से पहल…और पढ़ें
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Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
December 21, 2025, 18:43 IST
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