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जूता हवा में उछालने के बाद सीधा गिरेगा या उल्टा? कभी फलौदी में इस बात पर भी लगता था सट्टा, जानें पूरा इतिहास

Last Updated:March 09, 2025, 11:04 IST


Phalodi Satta Bazar History : राजस्थान के मारवाड़ का फलौदी शहर देश दुनिया में जाना जाता है. फलौदी की यह पहचान यहां लगाए जाने वाले सट्टे के कारण है. जानकारों के अनुसार यहां सट्टेबाजी का इतिहास करीब 450 से 500 …और पढ़ेंजूता उछालने के बाद वह सीधा गिरेगा या उल्टा? फलौदी में इस पर भी लगता था सट्टा

फलौदी के सट्टा बाजार में आज भारत और न्यूजीलैंड के बीच होने वाले मैच के लिए भी हलचल बढ़ी हुई है.

हाइलाइट्स

फलौदी का सट्टा बाजार 450-500 साल पुराना है.चुनाव, क्रिकेट, और बारिश पर भी सट्टा लगता है.आज के युवा सट्टे से बाहर निकलना चाह रहे हैं.

जोधपुर. कहते हैं सट्टा या तो बना देता है या फिर बर्बाद कर देता है. सट्टाबाजी करना कानूनी रूप से अवैध है. बड़े बुजुर्ग कहते हैं कि शराब, स्त्री और जुए की लत जिसे लग गई उसकी नाव डूबना तय है. कुल मिलाकर इस बात का लब्बोलुबाब यह है कि सट्टाबाजी आदमी को डूबो ही देती है. लेकिन जिसको इसका चस्का लग जाता है वह छूटना मुश्किल हो जाता है. राजस्थान के मारवाड़ के फलौदी का सट्टा बाजार देशभर में हमेशा चर्चित रहता है. बात चाहे लोकसभा और विधानसभा चुनावों की हो या फिर क्रिकेट के मैच या फिर बारिश की. यहां हर बात पर सट्टा लगाया जाता है.

जानकारों के अनुसार फलौदी में सट्टेबाजी का इतिहास करीब 450 से 500 बरसों से जुड़ा है. फलौदी कभी छोटा सा गांव हुआ करता था. आज वह जिला मुख्यालय बन चुका है. सट्टा बाजार के कारण फलौदी की देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक में पहचान बन गई है. आज फलौदी और सट्टा दोनों एक दूसरे की पहचान बन गए हैं. यहां पहले इस बात पर भी सट्टा लगाया जाता था कि जूता उछालने पर वह सीधा गिरेगा या उल्टा? दो सांडों की लड़ाई में कौन जीतेगा? बारिश होगी या नहीं? यदि होगी तो छतों की नालियों से पानी बहेगा या नहीं?

आजादी के बाद चुनावों पर लगाए जाने लगा सट्टाभारत की आजादी के बाद फलौदी के सट्टा बाजार ने राजनीतिक क्षेत्र में भी सट्टा लगाने की शुरुआत कर दी. कौनसी पार्टी सरकार बनाएगी? कौनसी विधानसभा या संसदीय क्षेत्र से कौन जीतेगा? इस बात पर सट्टे लगने शुरू हुए. देखते ही देखते इस फील्ड में भी फलौदी ने महारत हासिल कर ली. देश की तमाम सर्वे एजेंसी एक तरफ और फलौदी का आंकलन एक तरफ होने लगा.

क्रिकेट में सट्टे की एंट्रीराजनीति के बाद देश में जैसे-जैसे क्रिकेट लोकप्रिय होने लगा तो फलौदी सट्टा बाजार ने इसमें भी छलांग लगा दी. यहां क्रिकेट को लेकर भी सट्टा लगने लगा. फलौदी में धीरे-धीरे क्रिकेट पर लगाया जाना वाला सट्टा भी काफी चर्चा में आ गया. क्रिकेट प्रेमी ही नहीं बल्कि दुनियाभर के सटोरिये फलौदी के सट्टा बाजार पर नजर रखने लगे. यहां केवल पूरे मैच ही नहीं बल्कि बॉल दर बॉल भी सट्टा लगाया जाता है. कौन सेंचुरी बनाएग और कौन हाफ सेंचुरी बनाएगा. इस पर भी सट्टा लगाया जाता है.

आज के युवा सट्टे के चंगुल से बाहर निकलना चाह रहे हैंहालांकि आज फलौदी के युवा सट्टे के इस चंगुल से बाहर निकल रहे हैं. वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर उच्च पदों तक पहुंच रहे हैं. लेकिन एक छोटा सा गांव अपने सट्टे की प्रवृत्ति के चलते देश और दुनिया में पहचान बना गया. आज चैम्पियन चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 के लिए बीच भारत और न्यूजीलैंड के बीच फाइनल मुकाबला होगा. इस मैच के लिए भी सट्टा बाजार गरमा रहा है.

(डिस्क्लेमर : सट्टा लगाना कानूनी रूप से अवैध है. न्यूज18 इसका समर्थन नहीं करता है. केवल पाठकों की जानकारी के लिए फलौदी के सट्टेबाजी का इतिहास खंगाला गया है)


Location :

Phalodi,Jodhpur,Rajasthan

First Published :

March 09, 2025, 11:04 IST

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जूता उछालने के बाद वह सीधा गिरेगा या उल्टा? फलौदी में इस पर भी लगता था सट्टा

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