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भावना को 15 साल की उम्र में लेनी थी दीक्षा, 16 साल के वनवास के बाद मिली अनुमति, अब 16 फरवरी को होगी दीक्षा

Agency: Rajasthan

Last Updated:February 13, 2025, 17:29 IST

बाड़मेर की रहने वाली भावना संखलेचा 15 साल की उम्र में दीक्षा लेना चाहती थी लेकिन कभी उसके दीक्षा का मुहूर्त निकला ही नही. भगवान श्री राम को भी उनकी अयोध्या 14 साल के वनवास के बाद मिल गई थी लेकिन भावना के साथ ऐसा…और पढ़ेंX
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16 साल बाद मिली दीक्षा की अनुमति

हाइलाइट्स

भावना संखलेचा को 16 फरवरी को दीक्षा मिलेगी.भावना ने 16 साल इंतजार के बाद दीक्षा की अनुमति पाई.भावना ने 5 हजार किमी तक पैदल धार्मिक यात्रा की.

बाड़मेर. कहते है कि जब तक भगवान नहीं चाहता है तब तक उसके मार्ग पर चलने वाला हमेशा के लिए उसका नहीं बन सकता है. उसको भगवान की इच्छा और अनुमति का इंतजार करना ही पड़ता है. पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर की रहने वाली भावना संखलेचा 15 साल की उम्र में दीक्षा लेना चाहती थी लेकिन कभी उसके दीक्षा का मुहूर्त निकला ही नहीं. भगवान श्री राम को भी उनकी अयोध्या 14 साल के वनवास के बाद मिल गई थी लेकिन भावना के साथ ऐसा नहीं हुआ. राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, छतीसगढ़, कर्नाटक सहित कई राज्यों में जब भी किसी की दीक्षा तारीख की जय बोली जाती तब भावना संखलेचा का इंतजार महज इंतजार रहता था.

पिछले साल सितंबर में 16 साल के इंतजार के बाद भावना की दीक्षा तारीख की घोषणा की गई और आगामी 16 फरवरी को वह संयम पथ अंगीकार करेगी. बाड़मेर के कुशल वाटिका जैन तीर्थ में आचार्य मणिप्रभसागरजी भावना को रजोहरण प्रदान करेंगे. मुमुक्षु भावना का कहना है कि शुरू से धार्मिक प्रवृत्ति की रही हूं. बाहर घूमना, थिएटर जाना कभी पसंद नहीं रहा. जब होश संभाला तो स्थानक जाना शुरू किया. वहां संतों के प्रवचन सुनना अच्छा लगता था. मन में वैराग्य भाव जाग रहा था और जब साध्वी नित्यप्रभा और विद्युत प्रभाव से मिली तो वैराग्य लेने का भाव और मजबूत हो गया.

5 हजार किलोमीटर तक पैदल धार्मिक यात्रा कीभावना ने बीए करने के बाद पूरा समय धर्म की तरफ लगा दिया. भावना को अब 16 फरवरी का बेसब्री से इंतजार है जब रजोहरण प्रदान किया जाएगा. करीब पांच साल पहले हिम्मत कर घर पर अपनी इच्छा जाहिर कर दी. भावना की मां प्यारी देवी तो राजी हो गई, लेकिन पिता सोहनलाल ने मना कर दिया. वह बताते हैं कि करीब चार साल तक गुरुकुलवास में रही. साध्वियों के साथ करीब 5 हजार किलोमीटर तक पैदल धार्मिक यात्रा की. इनमें नव्वाणु यात्रा पालीताणा, गिरनार यात्रा भी शामिल है.


Location :

Barmer,Barmer,Rajasthan

First Published :

February 13, 2025, 17:29 IST

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