Bhilwara news: भीलवाड़ा की गोशालाओं को रियायती दर पर मिलेगी गोकाष्ठ मशीन.

Last Updated:May 06, 2025, 19:09 IST
Bhilwara News Hindi: भीलवाड़ा जिले की 4 गोशालाओं को रियायती दर पर गोकाष्ठ मशीनें मिलेंगी. सरकार ने 2024-25 में 100 गोशालाओं को यह मशीनें देने की घोषणा की है. गोकाष्ठ का उपयोग ईंधन के रूप में होगा.
cow dung wood
हाइलाइट्स
भीलवाड़ा की 4 गोशालाओं को गोकाष्ठ मशीनें मिलेंगी.गोबर की लकड़ी जलाने से हजारों पेड़ कटने से बचेंगे.योजना के तहत 100 गोशालाओं का चयन हुआ है.
भीलवाड़ा: भीलवाड़ा शहर और जिले के गो पालकों के लिए यह अच्छी खबर है. अब पेड़ों की लकड़ी की बजाय गोबर की लकड़ी जलाने के काम आएगी. इसके लिए सरकार गोशालाओं को रियायती दर पर गोकाष्ठ मशीनें दे रही है. इस योजना के तहत प्रदेश की 100 गोशालाओं का चयन किया गया है, जिसमें भीलवाड़ा जिले की 4 गोशालाएं भी शामिल हैं. पशुपालन विभाग के अनुसार, सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रदेश की 100 गोशालाओं को रियायती दरों पर गोकाष्ठ मशीनें देने की घोषणा की थी. जिन गोशालाओं में 600 या 1000 से अधिक गोवंश हैं, उन्हें बजट घोषणा के अनुसार गोकाष्ठ मशीन दी जा रही है.
इन गोशालाओं को मिलेगी गोकाष्ठ मशीन जिला गोशाला अधिकारी ने बताया कि गोकाष्ठ मशीन के लिए भीलवाड़ा जिले की शक्करगढ़ की माधव गोशाला, सुरास की आनन्द कृष्ण गोशाला, निबाहेड़ा जाटान की जय जगदीश गोशाला, और जहाजपुर की भूतेश्वर महादेव गोशाला का चयन किया गया है. चयनित गोशाला अपने हिस्से की कुल लागत की 20 प्रतिशत राशि पशुपालन विभाग को जमा करेंगी. इसके बाद लाभार्थी गोशाला को गोकाष्ठ मशीन चयनित फर्म की ओर से निर्धारित दर पर उपलब्ध करवाई जाएगी.
लोकल फ़ॉर वोकल के तहत गोशाला को मिलेंगा फायदाकोई भी लाभार्थी गोशाला इस योजना के तहत प्राप्त गोकाष्ठ मशीन को 10 साल से पहले न तो बेच सकेगी और न ही किसी अन्य को दे सकेगी. गोकाष्ठ की बिक्री से होने वाली आय गोशाला की अपनी आय होगी, जिसे गोशाला संचालक गोशाला के हित में उपयोग कर सकेंगे. गोकाष्ठ की अनुमानित बिक्री दर आठ रुपए प्रति किलोग्राम होगी. इस दर में आवश्यकतानुसार संशोधन जिला गोपालन समिति कर सकेगी. गोकाष्ठ को मोक्ष धाम, अंत्येष्टि स्थल, फैक्ट्री बॉयलर, रेस्टोरेंट, होटल-ढाबे, मंदिर-हवन आदि जगहों पर ईंधन के रूप में बेच सकते हैं.
Location :
Bhilwara,Rajasthan
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भीलवाड़ा की 4 गौशालाओं को मिलेंगी गोकाष्ठ मशीनें, हजारों पेड़ कटने से बचेंगे