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3000 में बॉर्डर पार, 150 में आधार-पैन… कैसे होती है बांग्लादेशियों की एंट्री? CBI को चल गया पता, दलालों की लालच, खतरे में भारत

Last Updated:May 06, 2025, 11:21 IST

Rajasthan News: सीआईडी टीम ने नावता गांव के ईंट-भट्ठे से 28 बांग्लादेशियों को पकड़ा है. इन सभी बांग्लादेशियों ने यूपी, हरियाणा और राजस्थान के ईंट भट्ठों पर काम किया.3000 में बॉर्डर पार, 150 में आधार-पैन... कैसे होती है बांग्लादेशियों की एंट्री

दलालों के जरिए घुसपैठ कर रहे हैं बांग्लादेशी. (सांकेतिक तस्वीर)

हाइलाइट्स

सीआईडी ने 28 बांग्लादेशियों को पकड़ा.बॉर्डर पार करने के लिए दलालों को 3000-5000 रुपये दिए.बांग्लादेशियों ने 50-150 रुपये में आधार कार्ड बनवाए.

झुंझुनूंः भारत में इन दिनों पाकिस्तानियों और बांग्लादेशियों को ढूंढ-ढूंढकर बाहर निकाला जा रहा है. ऐसे में बांग्लादेशी नागरिकों के बॉर्डर पार करने की कहानी खुद बांग्लादेशियों ने सुनाई है. उन्होंने बताया, ‘रात के समय दलाल के मार्फ़त उन्होंने नोदाबास गांव के पास से बॉर्डर पार किया. दलाल ने बॉर्डर पार करवाने के लिए 3 से 5 हजार रुपये लिए. दलाल के जरिये अलग-अलग जगहों पर ईंट-भट्टों पर काम मिलता गया.’ दलाल ने ही बांग्लादेशियों को अलग-अलग गांव से निवास प्रमाण पत्र बनवाया. फिर दस्तावेज मिलेने के बाद बांग्लादेशियों ने अपने-अपने आधार और पैनकार्ड बनवाए. लोगों ने बताया कि किसी ने 50 रुपये तो किसी ने 150 रुपये में आधार कार्ड बनवाया.

बता दें कि सीआईडी टीम ने नावता गांव के ईंट-भट्ठे से 28 बांग्लादेशियों को पकड़ा है. इन सभी बांग्लादेशियों ने यूपी, हरियाणा और राजस्थान के ईंट भट्ठों पर काम किया. बांग्लादेशी नागरिकों ने नारनौल ओर खंडेला से आधार कार्ड बनवाए. ये सभी बांग्लादेशी करीब 10 साल से भारत में अवैध तरीके से रह रहे थे. दलाल मुकुंद ओर सफीक उल बॉर्डर पार से बांग्लादेशियों को लाने का काम करते हैं.

बता दें कि भिवाड़ी पुलिस ने तलाशी अभियान में सोमवार को 60 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया. इन 60 लोगों में 25 पुरुष, 24 महिलाएं और 11 बच्चे हैं. यह कार्रवाई खुफिया सूचनाओं और मुखबिरों की सूचना पर की गई. एसपी के मुताबिक, पकड़े गए सभी बांग्लादेशी बार-बार अपना ठिकाना बदल रहे थे. वे कभी भिवाड़ी, कभी गुड़गांव या धारूहेड़ा रहने लग रहे थे, जिससे पुलिस के लिए उनकी पहचान मुश्किल हो जाती है. इससे पहले अजमेर में पुलिस और एसआईटी ने दरगाह क्षेत्र से एक बांग्लादेशी को गिरफ्तार किया है, जो करीब 10 साल से अवैध तरीके से रह रहा था. बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वैध या अवैध तरीके से जितने पाकिस्तानी व बांग्लादेशी रह रहे हैं, उनकी पहचान कर बाहर निकाला जाए.

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