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राजस्थान में यहां गूंजा रणबांकुरा ढोल, 450 वर्ष पुरानी है परंपरा, जानें जमराबिज महापर्व क्यों मनाते हैं लोग

Last Updated:March 16, 2025, 12:11 IST

Rajasthan Historical Festival Jamrabiz: महाराणा अमर सिंह प्रथम के सम्मान की स्मृति में मेवाड़ की वीर भूमि मेनार में ऐतिहासिक महापर्व जमराबिज मनाया गया. 450 वर्षों से चली आ रही यह परंपरा आज भी उसी उत्साह और जोश …और पढ़ेंX
मेनार
मेनार का मेला 

हाइलाइट्स

मेवाड़ में 450 साल पुरानी जमराबिज परंपरा मनाई गई.ग्रामीणों ने बारूद की होली और तलवारों की गेर खेली.महाराणा अमर सिंह प्रथम की विजय की स्मृति में पर्व मनाया जाता है.

वल्लभनगर. मेवाड़ की वीर भूमि मेनार में ऐतिहासिक महापर्व जमराबिज को धूमधाम से मनाया गया. 450 वर्षों से चली आ रही इस परंपरा में इस बार भी ग्रामीणों ने बारूद की होली खेली और नंगी तलवारों की गेर निकाली. हजारों की संख्या में ग्रामीणों और दर्शकों ने इस शौर्य उत्सव में भाग लिया. सुबह से ही गांव में उल्लास और जोश का माहौल था.

ओंकारेश्वर चौक पर लाल जाजम बिछाई गई, जहां अमल कसुबा रस्म अदा की गई. दिनभर रणबांकुरा ढोल की गूंज सुनाई देती रही.दोपहर में पारंपरिक गेर नृत्य का आयोजन हुआ, जिसमें युवाओं ने एक हाथ में तलवार और दूसरे में लाठी लेकर वीर रस से भरपूर नृत्य किया.

रात में हुई बारूद की होली और आतिशबाजी

जैसे ही रात ढली, पूरा मेनार युद्धभूमि जैसा जीवंत हो उठा. ग्रामीणों ने परंपरागत रूप से तोपें दागी, बंदूकों से बारूद छोड़ा और तलवारों की गेर खेली. आतिशबाजी से पूरा आसमान रोशन हो गया. 9 लाख रुपये के पटाखों से मनमोहक नजारा बना. महाराणा के सम्मान की स्मृति में आयोजन इसका आयोजन किया है. इस आयोजन की ऐतिहासिक जड़ें महाराणा अमर सिंह प्रथम के समय से जुड़ी है. मुगल चौकी पर हुए हमले और उसमें मिली विजय की स्मृति में यह पर्व मनाया जाता है. महाराणा ने प्रसन्न होकर मेनारिया ब्राह्मणों को शाही लाल जाजम, रणबांकुरा ढोल और मेवाड़ की 17वीं उमराव की उपाधि प्रदान की थी.

पर्यटक से लेकर स्थानीय लोग बने हिस्सा

गांव की विवाहित बेटियां और प्रवासी युवा, जो खाड़ी देशों या मुंबई में कार्यरत हैं, इस आयोजन के लिए विशेष रूप से लौटे. बड़ी संख्या में पर्यटक और स्थानीय लोग भी इस अनूठे उत्सव के साक्षी बने. 450 वर्षों से चली आ रही यह परंपरा आज भी उसी उत्साह और जोश के साथ मनाई जाती है. ग्रामीणों की वीरता और साहस का यह महापर्व हर साल शौर्य और संस्कृति का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है.


Location :

Udaipur,Rajasthan

First Published :

March 16, 2025, 12:11 IST

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मेवाड़ के महाराणा से जुड़ा है जमराबिज महापर्व का इतिहास, इस वजह से मनाते हैं लोग

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