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फसलों में बढ़ रहा चेपा कीट का खतरा, ऐसे करें नियंत्रण, मौसम के अनुसार इस तरह करें सिंचाई 

Agency: Rajasthan

Last Updated:February 18, 2025, 12:22 IST

Insect in Vegetable Crop : मौसम में बदलाव से किसानों की फसलें प्रभावित हो रही हैं. सब्जियों में कीट और रोगों का प्रकोप बढ़ रहा है. किसानों को इमिडाक्लोप्रिड, स्पिनोसेड, कान्फिडोर आदि का उपयोग कर फसलों की सुरक्ष…और पढ़ेंX
सरसों
सरसों की खेती 

हाइलाइट्स

फसलों में चेपा कीट का खतरा बढ़ रहा है.इमिडाक्लोप्रिड, स्पिनोसेड का उपयोग करें.मौसम के अनुसार हल्की सिंचाई करें.

सीकर. मौसम में हो रहे बदलाव से किसानों की पहले भी प्रभावित हो रही है. ऐसे में किसान फसल का ध्यान रहे. वहीं, तापमान बढ़ने की संभावना को देखते हुए फसलों तथा सब्जियों में आवश्यकता के अनुसार हल्की सिंचाई का भी ध्यान रखे. इसके अलावा सबसे अधिक जिन किसानों ने सब्जियों की खेती की है वे अधिक सर्तक रहे. इस समय सब्जियों में कोट और रोगों का प्रकोप अधिक देखने को मिल रहा है. ऐसे में उनके रोकथाम की पूरी व्यवस्था करें…

सब्जियों में कीट व रोग नियंत्रण के उपायसभी सब्जियों तथा सरसों की फसल में चेपा कीट का खतरा बढ़ रहा है. किसान अपनी फसल को इस कीट से बचा के रखे. इस कीट के नियंत्रण के लिए वे सब्जियों में इमिडाक्लोप्रिड @ 0.25-0.5 मि.ली./लीटर पानी की दर से सब्जियों की तुडाई के बाद करें. सब्जियों की फसलों पर छिड़काव के बाद एक सप्ताह तक तुड़ाई न करें. बीज वाली सब्जियों पर चेपा के आक्रमण पर विशेष ध्यान दें. इस मौसम में बैंगन की फसल को प्ररोह एवं फलछेदक कीट से बचाने के लिए ग्रसित फलों तथा प्रोरहों को इकट्ठा कर नष्ट कर दें. यदि कीटों की संख्या अधिक हो तो स्पिनोसेड कीटनाशी 48 ई.सी. मात्रा 1 मि.ली. प्रति 4 लीटर पानी की दर से छिड़काव करें.

प्याज में थ्रिप्स नियंत्रण ऐसे करें प्याज की समय से बोयी गई फसल में इस मौसम में थ्रिप्स के आक्रमण की निरंतर निगरानी करते रहें. कीट पाए जाने पर कान्फिडोर मात्रा 0.5 मिली. प्रति 3 ली. पानी किसी चिपकने वाले पदार्थ जैसे टीपोल आदि (1.0 ग्रा. प्रति एक लीटर घोल) में मिलाकर छिड़काव करें. साथ ही नीला धब्बा रोग की निगरानी करते रहें. रोग के लक्षण पाए जाने पर डाएथेन एम-45 मात्रा 3 ग्रा./ली. पानी किसी चिपकने वाले पदार्थ जैसे टीपोल आदि (1 ग्रा. प्रति एक लीटर घोल) में मिलाकर छिड़काव करें.

जीरा में एफिड नियंत्रण ऐसे करे जीरा में एफिड को नियंत्रित करने के लिए डिमथोएट के 30 ईसी या मिथाइल डेमेटॉन 25 ईसी 1 लीटर छिड़काव करें. इसके अलावा मैथी, मटर, जीरा, और धनिया पाउडर फफूंदी के हमले से प्रभावित होने की संभावना है. इस रोग में पत्तियों पर सफेद चूर्ण दिखाई देता है. नियंत्रण के लिए डिनोकैप 48 ईसी मात्रा 1.0 मिली या डेफेनकोनाजोल मात्रा 0.5 मि. ली. प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें.


Location :

Sikar,Rajasthan

First Published :

February 18, 2025, 12:22 IST

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