After the inspiration of the elder, took up the responsibility of renovating the temples, a team of 51 members has been doing the work for 25 years, provides food to 2100 girls.

नागौर. आज की कहानी ऐसे लोगों के बारे में है जिन्होंने मंदिरों के जीर्णोद्धार का बीड़ा उठा रखा है. नागौर के पादूकलां में एक ऐसा रामायण मंडल है जिसके सदस्यों ने सुंदरकांड पाठ करने से हुई लाखों रुपए की आमदनी से मंदिरों का जीर्णोद्धार करवा दिया है. इस टीम ने दान के पैसों से गांव में 35 लाख रुपयों का काम करवा दिया है. पिछले 25 साल से 51 सदस्यों की टीम इस काम में जुटी है.
3000 से ज्यादा जगहों पर सुंदरकांड पाठपादूकलां गांव के भैरूलाल पारीक के नेतृत्व में बनी टीम ‘रामायण मंडल’ अब तक 3000 से ज्यादा जगहों पर सुंदरकांड पाठ कर चुकी है. खास बात यह भी है कि इस दल में सामान्य व्यक्ति जुड़ा हुआ है. सुंदरकांड के समय गोदान की पेटी में आने वाली राशि से करीब 11 लाख रुपए गोशाला में दिए जा चुके हैं. विशिष्ट संरक्षक बस्ती प्रजापत ने बताया कि वर्तमान में सुरजपुरीजी मन्दिर में विकास कार्य चल रहा है. पशु चिकित्सालय पादूकलां में रंगरोगन, वाल्मीकि समाज सामूहिक विवाह सम्मेलन में आर्थिक सहयोग, कैलाशनाथ महाराज के भंडारे व बरसी में 71000 रुपए और गोशाला में तुलादान यंत्र दिया गया.
गांव के विकास के प्रति समर्पितरामायण मंडल द्वारा हर वर्ष मेला मैदान में 2100 कन्याओं को भोजन करवाया जाता है. गांव में 3 जरुरतमंद परिवारों को साल में 2 बार आर्थिक सहायता दी जाती है. 1998 में बुजुर्गों ने युवाओं को गांव के विकास के प्रति जागरूक किया था. जिस पर वहां मौजूद भैरूलाल पारीक व अन्य युवाओं ने एक बैठक आयोजित कर रामायण मंडल की स्थापना की थी और निर्णय लिया कि निशुल्क सुंदरकांड का पाठ कर आने वाली राशि को गांव के विकास में लगाएंगे.
18 से 35 वर्ष की आयु के अधिकतर लोग रामायण मंडल के अध्यक्ष विनोद कुमार हटीला ने बताया कि मंडल में शामिल 51 सदस्यों में से वर्तमान में 8 राजकीय कर्मचारी, 6 सेवानिवृत कर्मचारी, 19 व्यापारी व 11 प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले और 7 विद्यार्थी शामिल हैं. अधिकतर सदस्य 18 से 35 वर्ष की आयु तक के लोग हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 11, 2024, 20:16 IST