जुड़वा मासूम बेटों के लिए मां ही बन गई ‘काल’, दी ऐसी मौत की सन्न रह गया पूरा गांव, पिता का फट गया कलेजा

प्रतीक सोलंकी.
सिरोही. बच्चे मां के जिगर के टुकड़े होते हैं. मां और बेटे के रिश्ते को जितना प्यार होता है उतना शायद किसी में नहीं होता है. लेकिन कई बार इस रिश्ते को लेकर ऐसी घटनाएं सामने आती हैं कि देखने और सुनने वाले का कलेजा कांप उठता है. कुछ ऐसी घटना हुई है राजस्थान के सिरोही जिले में. सिरोही जिले के शिवगंज इलाके में एक मां ने अपने सवा साल के दो जुड़वा बेटों को जहर दे दिया. फिर खुद ने भी जहर गटक लिया. इस घटना में पहले दोनों मासूमों की मौत हो गई और फिर उनकी मां ने भी दम तोड़ दिया. बताया जा रहा है कि मां अपने बच्चों से परेशान हो गई थी. इसलिए उसने ऐसा कदम उठाया.
पुलिस के मुताबिक दिल को दहला देने वाली यह घटना सिरोही जिले के शिवगंज थाना इलाके में बुधवार को हुई. वहां योगेश छींपा की पत्नी रेखा अपनी मां के पास रहती थी. वह पाली जिले के सेवाड़ी की रहने वाली थी. रेखा के सवा साल के दो जुड़वा बेटे पूर्वांश और पूर्वित थे. पति महाराष्ट्र में सिलाई का काम करता है. रेखा ने बुधवार को दोपहर में अपने दोनों बेटों को जहर देकर मौत की नींद सुला दिया. बाद में खुद भी जहर खा लिया. इससे तीनों की मौत हो गई. हत्या और आत्महत्या की इस वारदात से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई.
मां को सामान लेने के लिए बाहर भेज दियाघटना होने के बाद जब रेखा तो अस्पताल में भर्ती कराया गया तो पुलिस वहां पहुंची. पुलिस ने उसके बयान लिए. इन बयानों में उसने बताया कि वह जुड़वा बेटों से इतनी परेशान हो गई थी. इसलिए उसने उनकी हत्या और खुद की आत्महत्या का फैसला कर लिया. अपनी योजना को अमली जामा पहनाने के लिए रेखा ने बुधवार को दोपहर में अपनी मां को सामान लेने के लिए बाहर भेज दिया. बाद में पहले बच्चों को जहर दिया और फिर खुद खा लिया. मासूम बेटों की मौत खबर सुनकर उनके पिता का कलेजा फट गया.
मां घर लौटी तो तीनों बेहोश पड़े थेरेखा की मां जब बाहर से वापस आई तो तीनों घर में बेहोश पड़े थे. यह देखकर उसके पैरों तले से जमीन खिसक गई. वह चिल्लाई तो आसपास के लोग आए. बाद में तीनों को पाली जिले के सुमेरपुर स्थित महावीर अस्पताल पहुंचाया गया. वहां डॉक्टर्स ने जांच के बाद दोनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया और रेखा को भर्ती कर लिया. लेकिन बाद में देर शाम को इमरजेंसी वार्ड में रेखा की भी मौत हो गई.
FIRST PUBLISHED : January 2, 2025, 10:16 IST