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Mohan Bhagwat: मोहन भागवत बोले: भारत की शक्ति और शांति की नीति

जयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को जयपुर के रविनाथ आश्रम में संत रविनाथ महाराज की पुण्यतिथि पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि दुनिया शांति और अहिंसा की बातें तभी सुनती है, जब उसके पास शक्ति होती है. उन्होंने भारत को दुनिया का सबसे पुराना राष्ट्र और “बड़ा भाई” बताते हुए कहा कि भारत सभी से प्रेम करता है, यहां तक कि पाकिस्तान से भी. भागवत ने भगवान राम और रावण की तुलना करते हुए कहा कि राम ने रावण का वध कर उसकी “बड़ी सेवा” की थी.

भागवत का यह बयान भारत-पाकिस्तान के बीच हाल के तनाव और 10 मई को घोषित युद्धविराम के बाद आया है. यह युद्धविराम पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुआ, जिसमें 26 लोग मारे गए थे. भागवत ने कहा, ‘हमारे पूर्वजों ने हमें यह जिम्मेदारी दी है कि हम ऐसा जीवन जिएं, जो दुनिया के लिए एक मिसाल बने. हमें त्याग, निस्वार्थता और सद्भाव का जीवन जीना चाहिए, जो तेजस्वी और शक्तिसंपन्न हो। कमजोर लोग कुछ नहीं कर सकते.’

शब्दों के पीछे की ताकत

भागवत ने जोर देकर कहा कि सभी सत्यों को शक्ति की जरूरत होती है. भागवत ने कहा, ‘दुनिया शब्दों से नहीं, बल्कि शब्दों के पीछे की ताकत से चलती है. जब तक दुनिया यह नहीं देख लेती कि हमारे पास शांति, प्रेम और अहिंसा की बातों को लागू करने की शक्ति है, वह नहीं सुनेगी.’ उन्होंने भारत को दुनिया का बड़ा भाई बताते हुए कहा कि बड़े भाई को किसी पर रोब नहीं जमाना चाहिए.

दोस्ती में बहुत सहता है भारत

भागवत ने कहा कि भारतीय समाज सभी को अपना मानता है. संकट के समय में भारत ने श्रीलंका, नेपाल और मालदीव की मदद की, जबकि बाकी दुनिया इन देशों से स्वार्थ सिद्ध करती है. उन्होंने कहा, ‘भारत की दोस्ती में भारत को बहुत कुछ सहना पड़ता है, क्योंकि इनसे हमारा स्वार्थ पूरा नहीं होता. कई बार ये हमारे खिलाफ भी काम करते हैं, फिर भी हम उनकी मदद करते हैं.’

पाकिस्तान पर कसा तंज

उन्होंने पाकिस्तान पर तंज कसते हुए कहा, “हमारे मन में सबके लिए प्रीति है, पाकिस्तान के लिए भी। द्वेष होता तो हम बार-बार ऐसा नहीं करते, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया। हम अलग हो गए, हमने सोचा कि वे खुशी से जिएँ, लेकिन वे ऐसा नहीं सोचते।” भागवत ने कहा कि इसका समाधान वही है, जो हमारे राजनेताओं ने कहा है.

भारत किसी से दुश्मनी नहीं करता

राम-रावण की तुलना में उन्होंने कहा कि प्रेम का मतलब यह भी है कि जो गलत है, उसका अंत करना, जैसे राम ने रावण का किया. भागवत ने कहा, ‘भारत किसी से दुश्मनी नहीं करता, लेकिन जो दुश्मनी करें, उनके दुस्साहस का जवाब देने की ताकत भारत रखेगा और रखनी चाहिए.’ यह बयान भारत की शक्ति और शांति की नीति को रेखांकित करता है.

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