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5 Worst Foods for Gut Health Gastroenterologist Explains | आंतों के लिए खतरनाक हैं ये 5 चीजें

Worst Foods for Gut Health: शरीर को हेल्दी बनाए रखने के लिए आंतों की सेहत (Gut Health) को ठीक रखना जरूरी होता है. अगर गट हेल्थ गड़बड़ हो जाए, तो शरीर में क्रॉनिक इंफ्लेमेशन शुरू हो जाती है. यह सूजन धीरे-धीरे हार्ट डिजीज, मोटापा, डायबिटीज और पाचन संबंधी समस्याओं का कारण बनती है. मशहूर गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ. पाल मणिक्कम का कहना है कि कुछ खाने-पीने की चीजें आंतों की सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक होती हैं और इनका सेवन करना बीमारियों को न्योता देना है. वे खुद इन चीजों को 3 महीने में एक बार से ज्यादा नहीं खाते हैं. चलिए जानते हैं वे कौन-सी 5 चीजें हैं, जो हमारे पेट और आंतों की सेहत को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं.

आंतों की सेहत के लिए दुश्मन हैं ये 5 चीजें
डीप-फ्राइड फूड्स – समोसे, पकौड़े, फ्राइड चिकन और चिप्स जैसे डीप-फ्राइड फूड्स जितने स्वादिष्ट होते हैं, उतने ही गट के लिए नुकसानदायक भी होते हैं. तेल को बार-बार गर्म करने से उसमें ट्रांस फैट्स और टॉक्सिक कंपाउंड्स बनते हैं, जो आंतों की भीतरी परत को नुकसान पहुंचाते हैं. इससे अपच, गैस, पेट में भारीपन और एसिडिटी जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं. रोज ऐसे तले हुए फूड्स खाने से हार्ट डिजीज, मोटापा और एसिड रिफ्लक्स का खतरा भी बढ़ता है.

प्रोसेस्ड मीट – सॉसेज, बेकन, हॉट डॉग और डेली मीट जैसे प्रोसेस्ड मीट में नाइट्रेट्स, प्रिजर्वेटिव्स और अत्यधिक नमक पाया जाता है, जो गट को हार्ड बना देता है यानी उसे पचाने में मुश्किल होती है. डॉ. पाल बताते हैं कि ऐसे मीट कोलोरेक्टल कैंसर, हार्ट डिजीज और किडनी प्रॉब्लम्स से जुड़े हैं. ये आंतों की सूजन को बढ़ाते हैं और गट माइक्रोबायोटा के संतुलन को बिगाड़ते हैं. इसके बदले लीन मीट या प्लांट-बेस्ड प्रोटीन का सेवन करना फायदेमंद होता है.

शुगरी ड्रिंक्स – सॉफ्ट ड्रिंक्स, एनर्जी ड्रिंक्स और शुगर वाले जूस शरीर को टेंपररी एनर्जी तो देते हैं, लेकिन इनमें कोई पोषक तत्व नहीं होते हैं. इनसे गट के गुड बैक्टीरिया मरने लगते हैं और सूजन बढ़ती है. ज्यादा शुगर का सेवन करने से शरीर में इंसुलिन रेसिस्टेंस, फैटी लिवर, मोटापा और टाइप-2 डायबिटीज जैसी समस्याएं हो सकती हैं. डॉ. पाल का कहना है कि ये ड्रिंक्स ब्लड शुगर को अचानक बढ़ाकर फिर गिरा देती हैं, जिससे थकान और कमजोरी महसूस होती है. अगर मीठा खाने की इच्छा हो, तो ताजे फल या घर का बना हल्का डेजर्ट चुनें.

अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स – रेडी-टू-ईट स्नैक्स, इंस्टेंट नूडल्स, बिस्किट्स और प्रोसेस्ड फूड्स में कार्ब्स, प्रिजर्वेटिव्स और अनहेल्दी फैट्स भरे होते हैं. इनमें फाइबर की कमी होती है, जिससे आंतों की गति धीमी पड़ती है और इरेटिबेल बाउस सिंड्रोम जैसी बीमारियां हो सकती हैं. इनका नियमित सेवन गट की दीवार को कमजोर करता है और मोटापा, मेटाबॉलिक सिंड्रोम जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ाता है. इसके बजाय लोग होल ग्रेन्स, फल, सब्जियां और घर का बना खाएं, जिससे गट माइक्रोब्स स्वस्थ रहें.

रिफाइंड व्हाइट फ्लोर – रिफाइंड आटा यानी मैदा का उपयोग ब्रेड, पिज्जा, पेस्ट्री और बेकरी प्रोडक्ट्स में खूब होता है, लेकिन यह फाइबर, विटामिन और मिनरल्स से रहित होता है. इसे खाने से ब्लड शुगर अचानक बढ़ता है, जिससे इंसुलिन रेसिस्टेंस और सूजन बढ़ सकती है. यह गट की गतिविधि को धीमा कर देता है, जिससे कब्ज और पाचन संबंधी परेशानी होती है. डॉ. पाल का सुझाव है कि होल ग्रेन जैसे गेहूं, ज्वार, बाजरा और ओट्स का सेवन करें, ताकि पाचन सुचारू रहे और गट हेल्थ बेहतर बने.

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