Health

आपको भी लगता है, डायलिसिस से ठीक होती है किडनी? तो गलत हैं आप, एम्‍स के पूर्व डॉ. ने दिया जवाब

किडनी फेल्‍योर या किडनी डिजीज से ग्रस्‍त मरीजों के बारे में अक्‍सर आपने सुना होगा कि फलां मरीज डायलिसिस पर है. उसे हफ्ते में दो या तीन बार किडनी डायलिसिस के लिए अस्‍पताल ले जाते हैं. यह इतना जरूरी होता है कि डायलिसिस के लिए एक दिन का भी गैप नहीं कर सकते क्‍योंकि इससे मरीज को गंभीर परेशानी हो सकती है. लेकिन डायलिसिस को लेकर अगर आपको भी लगता है कि इससे किडनी ठीक होती है तो आपका ये सोचना गलत है. हेल्‍थ एक्‍सपर्ट की मानें तो डायलिसिस का काम किडनी को ठीक करना नहीं है.

एम्‍स नई दिल्‍ली के डिपार्टमेंट ऑफ नेफ्रोलॉजी के प्रमुख रह चुके और फिलहाल मारेंगो एशिया अस्‍पताल में नेफ्रोलॉजी एंड किडनी ट्रांसप्‍लांट मेडिसिन चेयरमैन डॉ. संजय कुमार अग्रवाल बताते हैं कि यह समझने वाली बात है कि डायलिसिस किडनी रोग का इलाज नहीं है, बल्कि जो काम शरीर में किडनी करती है, इसके काम न करने या बीमार होने की स्थिति में डायलिसिस उस काम काम को करता है. अगर डायलिसिस बंद तो किडनी वाला काम भी बंद हो जाता है.

ये भी पढ़ें 

कैंसर पेशेंट की 1 महीने में होगी 40 हजार रुपये की सेव‍िंग, बजट में ऐलान के बाद जानें कौन सी 3 द‍वाइयां हुई सस्‍ती

डॉ. अग्रवाल कहते हैं कि अब सवाल है कि क्‍या डायलिसिस के बाद किडनी ठीक हो जाती है, तो ध्‍यान रहे कि डायलिसिस से किडनी पर कोई असर नहीं पड़ता, किडनी सिर्फ इलाज से ठीक होती है. हालांकि अगर एक्‍यूट किडनी फेल्‍योर है यानि किसी वजह से अचानक किडनी ने काम करना बंद कर दिया है और डायलिसिस देना पड़ रहा है तो वह इलाज से वापस ठीक हो सकती है लेकिन अगर क्रॉनिक किडनी फेल्‍योर है, किडनी ट्रांस्‍प्‍लांट नहीं की गई है और गुर्दे का डायलिसिस किया जा रहा है तो मेडिकल साइंस में अभी तक ऐसा नहीं हुआ कि क्रॉनिक डिजीज में डायलिसिस के बाद किडनी ठीक हो जाए और डायलिसिस हट जाए.

डायलिसिस पर कितने दिन जिंदा रह पाता है मरीज?डॉ. संजय कहते हैं कि डायलिसिस के बाद मरीज कितने दिन तक जिंदा रह पाता है, यह कई बातों पर निर्भर करता है. दिल्‍ली एम्‍स में ही ऐसे कई मरीज हैं, जिन्‍होंने किडनी ट्रांसप्‍लांट नहीं कराया, वे पिछले 10-15 सालों से किडनी का डायलिसिस करा रहे हैं और जिंदा हैं. वहीं विदेशों में डायलिसिस पर जिंदा रहने की अवधि 20-25 साल भी है. हालांकि यह मरीजों की अलग-अलग स्थिति पर निर्भर करता है.

इन 3 बातों पर निर्भर है मरीज का जीवनमरीज की मेडिकल स्थिति- डॉ. संजय अग्रवाल कहते हैं कि अगर क्रॉनिक किडनी डिजीज है और किडनी डायलिसिस पर आ गई है तो डायलिसिस का बंद हो पाना संभव नहीं है. हालांकि एक्‍यूट किडनी फेल्‍योर में ऐसा नहीं है. ऐसे में डायलिसिस के बाद मरीज कितना जीएगा यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि मरीज को कोई हार्ट की या अन्‍य कोई बीमारी तो नहीं है, यह अलग-अलग लोगों में अलग प्रकार से असर दिखा सकता है.

ये भी पढ़ें 

आपकी भी रसोई में रखे रहते हैं काजू-बादाम? ये बात जानकर झन्‍ना जाएगा दिमाग, कभी नहीं करेंगे गलती..

Tags: Kidney disease, Kidney donation, Kidney transplant

FIRST PUBLISHED : July 23, 2024, 17:55 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj