फसलें तबाह, किसान बेबस, राम रूठा अब राज से उम्मीद, Indifference of rain-Crops destroyed-farmers helpless– News18 Hindi

जयपुर. राजस्थान में बारिश (Rain) की बेरुखी कई इलाकों में कहर ढा रही है. किसान (Farmers) बर्बादी के कगार पर पहुंचते नजर आ रहे हैं. कई इलाकों में तो फसल पूरी तरह नष्ट (Crops destroyed) हो चुकी है और कुछ इलाके ऐसे हैं जहां अगर एक-दो दिन में बारिश ना हुई तो फसल बर्बाद हो जाएगी. फसल भले ही खेतों में लहलहाती दिख रही हो लेकिन उनकी जड़ें सूख चुकी हैं. जिन इलाकों में पानी नहीं है वहां फसल में 100 फीसदी तक का नुकसान हो रहा है. राम तो किसानों से रूठ चुका है और अब किसानों की उम्मीद राज (Government) से जुड़ी हैं. जयपुर जिले के गांवों के हालात भी बेहद विकट हैं.
जयपुर जिले के बाढ पीतावास निवासी छीतरमल ने अपनी 6 बीघा जमीन में बाजरे की बुवाई की थी. बाजरा खेतों में खड़ा भी हो चुका है. लेकिन पिछले करीब एक महीने से हो रही बारिश की बेरुखी ने सब बर्बाद कर दिया है. हालात ये है कि अब इस बाजरे को काटकर पशुओं को खिलाना पड़ रहा है ताकि इसका कुछ तो उपयोग हो पाए. किसान छीतरमल का कहना है कि बारिश नहीं होने से फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है और अब अगर बारिश होती भी है तो वह मरे आदमी को घी पिलाने जैसा होगा. छीतरमल के मुताबिक पूरे इलाके में पानी की किल्लत है. इसके चलते केवल खरीफ की फसल ही खेतों में बोते हैं लेकिन वह भी बारिश की बेरुखी से बर्बाद हो जाती है. अब किसानों के सामने परिवार पालने का बड़ा संकट खड़ा हो रहा है और सरकार को किसानों की मदद करनी चाहिए.
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आंखों के सामने बर्बादी देख रहे हैं किसान, कुछ नहीं कर पा रहे
बाढ पीतावास के ही किसान मंगलाराम ने 5 बीघा जमीन में बाजरा उपजाया था. अब बारिश की बेरुखी से फसल सूखने के कगार पर पहुंच गई है. खेतों में लहलहाती हरी फसल धीरे-धीरे पीली पड़ती जा रही है और मंगलाराम अपनी आंखों के सामने यह सब देखने को मजबूर है. मंगलराम के मुताबिक फसल में 50 फीसदी तक का नुकसान हो चुका है और कुछ दिन और इन्द्रदेव की बेरुखी रही तो पूरी फसल तबाह हो जाएगी. फसल में दाना ही नहीं बनेगा और पूरी फसल जल जाएगी. फसल उपजाने में अब तक करीब 20 हजार रुपए से ज्यादा का खर्चा और मेहनत लग चुकी है. लेकिन यह सब अपनी आंखों के के सामने बर्बाद होता हुआ देख रहे हैं.
मुआवजे का पैसा नहीं मिला तो मरने जैसी हालत हो जायेगी
जयपुर जिले के हाथोज गांव निवासी लादूराम ने अपनी 8 बीघा जमीन पर बाजरे की फसल की है. अब लादूराम का कहना है कि फसल 90 फीसदी तक बर्बाद हो चुकी है और बची-खुची 10 फीसदी फसल को बचा पाना भी मुश्किल हो रहा है. फसल उपजाने में करीब 40 हजार का खर्चा हो चुका है. साथ ही कई दूसरे खर्चे भी हुए हैं. लेकिन यह सब अब बर्बाद हो चला है. फसल का बीमा भी नहीं करवाया है. अगर सरकार से मुआवजे का पैसा नहीं मिला तो किसानों की स्थिति भी फसल की तरह मरने जैसी हो जाएगी.
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