Rajasthan

बयाना कस्बे में करीब 40 बरसों से महिलायें शमशान घाट से ला रही है पीने का पानी, women bring drinking water from the crematorium in Bayana last 40 years– News18 Hindi

दीपक पुरी

भरतपुर. राजस्थान में एक कस्बा ऐसा भी है जहां की महिलायें करीब 40 बरसों से शमशान घाट (crematorium) से पीने का पानी (Drinking water) ला रही हैं. मामला भरतपुर जिले के बयाना कस्बे (Bayana) के तीन चार इलाकों से जुड़ा हुआ है. यहां शमशान घाट में एक तरफ चिता जहां जलती रहती है वहीं दूसरी तरफ महिलायें वहां पानी भरती रहती हैं. जलदाय विभाग की ओर से इलाके में सप्लाई किये जाने वाले पानी में फ्लोराइड की अत्यधिक मात्रा होने के कारण लोग उसे पीते नहीं है. फ्लोराइड के मात्रा इतनी अधिक है कि दूध में डालने से वह फट जाता है. इसलिये स्थानीय लोग इस पानी को केवल नहाने-धोने के काम में लेते हैं.

स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत जलदाय विभाग से लेकर जनप्रतिनिधियों तक की लेकिन किसी के कान पर अभी तक जूं तक नहीं रेंगी हैं. बयाना कस्बे के बमनपुरा, महादेव गली, गंगड़ापाड़ा और कछिपाड़ा इलाकों में करीब 600 परिवारों के सामने पीने के पानी की समस्या बनी हुई है. इन परिवारों की महिलाओं को पीने का पानी लाने के लिए 1 किलोमीटर दूर शमशान जाना पड़ता है. यह समस्या इन परिवारों के सामने करीब 40 बरसों से है. लेकिन पिछले 15 साल से तो इस समस्या ने भयावह रूप धारण कर लिया है. पानी लाने के लिए परिवार के बच्चे और महिलाएं सुबह से जद्दोजहद में लग जाते है ताकि उन्हें पूरे दिन पीने का पानी मिल सके.

पेट भरने से ज्यादा प्यास बुझाने की फिक्र

इन इलाकों में मजदूर वर्ग के लोग रहते हैं. लेकिन इन्हें पेट भरने से ज्यादा प्यास बुझाने की फिक्र लगी रहती है. इसलिए सुबह सबसे पहले उठकर यहां के लोग पानी भरने के लिए रेलवे लाइन के पार 1 किलोमीटर दूर शमशान जाते हैं. शमशान घाट में दो हैडपंप लगे हुये हैं. यहां दिनभर भीड़ लगी रहती है. पीने के पानी इंतजाम होने के बाद महिलायें और पुरुष मजदूरी के लिए चले जाते हैं.

पानी में फ्लोराइड की मात्रा ज्यादा है

इन इलाकों में जलदाय विभाग फिलहाल बोरबेल से पानी की सप्लाई कर रहा है लेकिन उस पानी में फ्लोराइड की मात्रा ज्यादा है. उसमें खारापन ज्यादा होने के कारण वह पीने लायक नहीं है. स्थानीय लोगों के मुताबिक अगर वे सप्लाई का पानी दूध में डालते हैं तो वह फट जाता है. इसके अलावा उसे पीने से उन्हें छोटी छोटी बीमारियां भी होना शुरू हो गई थी. लिहाजा वे इस पानी को केवल नहाने और कपड़े धोने जैसे काम में लेते हैं.

जलदाय विभाग के अधिकारियों को अच्छे से पता है

लोगों के मुताबिक करीब 30 साल पहले बयाना से गंभीर नदी गुजरती थी. इससे पूरे बयाना को पानी की सप्लाई किया जाता था. लेकिन अब उसके बहाव इलाके में बोरबेल लगा दिए गए हैं. वहां से पानी की सप्लाई की जाती है. लेकिन बोरबेल ऐसे हैं कि उनमें खारा पानी आता है. इस बात का जलदाय विभाग के अधिकारियों को अच्छे से पता है उसके बाद भी वह उसी पानी को सप्लाई कर रहे हैं.

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