दिल्ली चुनाव में हार के बाद AAP की पंजाब में चुनौतियां

Last Updated:February 09, 2025, 23:19 IST
Delhi Result Effect on AAP: दिल्ली विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद AAP की राजनीतिक ताकत कमजोर हुई है. बीजेपी ने 48 सीटें जीतीं, जबकि AAP को 22 सीटें मिलीं. अब पंजाब में भी AAP की पकड़ कमजोर होने की आशंका है…और पढ़ें
दिल्ली चुनाव में हार के बाद पंजाब में AAP सरकार को लेकर कई दावे होने लगे हैं.
हाइलाइट्स
दिल्ली चुनाव में AAP को करारी हार झेलनी पड़ी.पंजाब में AAP की पकड़ कमजोर होने की आशंका.विपक्षी दलों ने पंजाब में AAP पर हमले तेज किए.
नई दिल्ली/चंडीगढ़. आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए 8 फरवरी का दिन किसी बड़े राजनीतिक झटके से कम नहीं था. दिल्ली विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद AAP के अस्तित्व पर सवाल उठने लगे हैं. अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी, जिसने 2015 और 2020 में दिल्ली में ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी, अब अपनी राजनीतिक जमीन बचाने की चुनौती से जूझ रही है. बीजेपी ने दिल्ली की सत्ता AAP से छीन ली और 70 में से 48 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल किया, जबकि AAP को मात्र 22 सीटों पर संतोष करना पड़ा.
इस हार के साथ न केवल AAP की राजनीतिक ताकत कमजोर हुई, बल्कि उसकी अजेय छवि भी टूट गई. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से हार गए, जबकि मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और सौरभ भारद्वाज जैसे बड़े नेता भी चुनाव नहीं जीत सके.
क्या दिल्ली की हार का असर पंजाब पर पड़ेगा?AAP के लिए पंजाब में भी मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. विपक्षी दलों का दावा है कि दिल्ली की हार पंजाब में पार्टी के पतन की शुरुआत हो सकती है. यह आम आदमी पार्टी के लिए पिछले एक साल में दूसरा बड़ा झटका है. 2024 के लोकसभा चुनावों में भी AAP को पंजाब में केवल 3 सीटें मिली थीं, जबकि राज्य में कुल 13 संसदीय सीटें हैं.
2022 के विधानसभा चुनाव में AAP ने 117 में से 92 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी, लेकिन अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या पंजाब में भी पार्टी की पकड़ कमजोर होगी?
पंजाब में विपक्ष का AAP पर हमलापंजाब कांग्रेस और बीजेपी ने दिल्ली में AAP की हार के बाद भगवंत मान सरकार पर हमला तेज कर दिया है. कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने दावा कि AAP अब पंजाब में टूट जाएगी और भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल के बीच सत्ता संघर्ष होगा.
बाजवा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘आम आदमी पार्टी को दिल्ली में अपमानजनक हार का स्वाद चखना पड़ा. इस हार के साथ ही छल, झूठ और खोखले वादों का शासन समाप्त हो गया है.’ वहीं कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि दिल्ली में आप की हार नकली क्रांतिकारियों की हार है, जो वीआईपी कल्चर, लोकपाल, स्वराज और भ्रष्टाचार को खत्म करने जैसे अपने हर वादे से सचमुच मुकर गए.
उधर बीजेपी के पंजाब महासचिव सुभाष शर्मा ने कहा, ‘दिल्ली की जनता ने AAP के झूठ, धोखे और बेईमानी को नकार दिया है.’ वहीं बीजेपी नेता अरविंद खन्ना ने कहा कि दिल्ली की हार यह साबित करती है कि AAP का तथाकथित विकास मॉडल पूरी तरह फेल हो गया है.
दिल्ली की हार के बाद AAP को अपनी रणनीति दोबारा तैयार करनी होगी. पार्टी को न केवल भ्रष्टाचार के आरोपों से निपटना होगा, बल्कि पंजाब में मतदाताओं का भरोसा बनाए रखने के लिए भी कड़ी मेहनत करनी होगी.
अब देखना होगा कि AAP इस संकट से उबर पाती है या फिर दिल्ली की तरह पंजाब में भी उसका जनाधार कमजोर होने लगता है.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
February 09, 2025, 23:19 IST
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दिल्ली की हार के बाद क्या पंजाब में भी होगा खेल? AAP के आगे मुश्किलों का पहाड़