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Su-30MKI फाइटर जेट में जुड़ेगा ऐसा ‘ब्रह्मास्‍त्र’, दुश्‍मन का हर वार होगा बेकार, चीन-पाकिस्‍तान की फुलेगी सांस – su30mki fighter jet modernisation plan advanced self protection jammer aspj Procurement electronic warfare capabilities iaf

Last Updated:October 31, 2025, 07:21 IST

Su-30MKI Fighter Jet: भारतीय वायुसेना ने Su-30MKI के लिए 100 एडवांस्ड सेल्फ-प्रोटेक्शन जैमर खरीदने की प्रक्रिया शुरू करने वाली है, जिससे सुपर सुखोई अपग्रेड प्रोग्राम के तहत इसकी ताकत कई गुना बढ़ेगी.Su-30MKI फाइटर जेट में जुड़ेगा ऐसा 'ब्रह्मास्‍त्र', दुश्‍मन का वार होगा बेकारभारतीय वायुसेना Su-30MKI फाइटर जेट को और शक्तिशाली बनाने की योजना पर काम कर रही है. (फाइल फोटो/PTI)

Super Sukhoi Fighter Jet: भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने Su-30MKI लड़ाकू विमानों के लिए 100 एडवांस्ड सेल्फ-प्रोटेक्शन जैमर (एएसपीजे) पॉड्स की खरीद के लिए हाल ही में रिक्वेस्ट फॉर इंफॉर्मेशन (आरएफआई) जारी किया है. यह कदम वायुसेना की फ्लीट को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण छलांग है. ये पॉड्स चल रहे ‘सुपर सुखोई’ अपग्रेड प्रोग्राम का अभिन्न हिस्सा बनेंगे, जिससे Su-30MKI क्षेत्र के सबसे शक्तिशाली एयर डोमिनेंस फाइटर्स में शुमार हो जाएगा. एएसपीजे डिजिटल रेडियो फ्रीक्वेंसी मेमोरी (डीआरएफएम) तकनीक पर आधारित होगा, जो दुश्मन के रडार सिग्नल्स को प्राप्त कर, प्रोसेस कर और संशोधित रूप में उसे फिर से प्रसारित कर सेंसरों को धोखा देगा. भारत के इस कदम से चीन और पाकिस्‍तान जैसे देशों की नींद उड़नी तय हैं.

ट्रेडिशनल नॉइज जैमर्स के उलट यह उन्नत तकनीक से फॉल्स टार्गेट्स बना सकती है और रेंज या वेलोसिटी गेट पुल-ऑफ मैन्यूवर्स कर सकती है, जो आधुनिक और फुर्तीले रडार सिस्टम्स के खिलाफ अत्यधिक प्रभावी साबित होगी. जैमर में हाई इफेक्टिव रेडिएटेड पावर (ईआरपी) दुश्मन की सर्विलांस और फायर-कंट्रोल रडार्स को डी-एक्टिवेट कर सकेगा. एएसपीजे पॉड्स इंडक्‍शन से 360 डिग्री थ्रेट कवरेज सुनिश्चित होगी, जिससे किसी भी दिशा से आने वाली रडार-गाइडेड मिसाइल बेअसर हो जाएगी. सिस्टम की आर्किटेक्चर Su-30MKI के स्वदेशी और रूसी मूल के एवियोनिक्स के साथ सहज इंटीग्रेशन के लिए डिजाइन की जाएगी, जिसमें रडार वार्निंग रिसीवर, मिसाइल अप्रोच वार्निंग सिस्टम और सिक्योर डेटा लिंक्स शामिल हैं. ये पॉड्स गैलियम नाइट्राइड (जीएएन) आधारित एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (एईएसए) ट्रांसमीटर्स से लैस होंगे, जो बेहतर पावर एफिशिएंसी, कॉम्पैक्ट डिजाइन और तेज इलेक्ट्रॉनिक बीम स्टीयरिंग प्रदान करेंगे.

Su-30MKI फाइटर जेट की ताकत कई गुना बढ़ने वाली है. (फाइल फोटो/PTI)

सुपर सुखोई

जीएएन तकनीक से जैमर की पावर डेंसिटी और थर्मल मैनेजमेंट में सुधार होगा, जो हाई-थ्रेट एनवायरनमेंट में अपना प्रभाव सुनिश्चित करेगा. ‘इंडिया डिफेंस न्‍यूज’ की रिपोर्ट के अनुसार, सुपर सुखोई मॉडर्नाइजेशन प्‍लान में एएसपीजे इंटीग्रेशन काफी अहम होगा, जो Su-30MKI फ्लीट को फोर्थ-प्लस जनरेशन प्लेटफॉर्म में बदलने का लक्ष्य रखता है. अपग्रेड में एन011एम बार्स पीईएसए रडार की जगह डीआरडीओ द्वारा विकसित जीएएन-आधारित एईएसए सिस्टम ‘विरुपाक्ष’ लगाया जाएगा, जो बेहतर डिटेक्शन रेंज, ट्रैकिंग क्षमता और जैमिंग रेसिस्टेंस प्रदान करेगा. नया पूरी तरह डिजिटल ग्लास कॉकपिट हाइब्रिड एनालॉग-डिजिटल लेआउट की जगह लेगा, जिससे एर्गोनॉमिक्स और सिचुएशनल अवेयरनेस में सुधार होगा. साथ ही Su-30MKI को उन्नत स्वदेशी बियॉन्ड विजुअल रेंज (बीवीआर) मिसाइलों और प्रिसिजन-गाइडेड मुनिशन्स से लैस किया जा रहा है, जो आक्रामक क्षमताओं और मल्टी-रोल मिशन फ्लेक्सिबिलिटी को बढ़ाएगा. एएसपीजे पॉड्स, नया स्वदेशी रडार वार्निंग रिसीवर और डिफेंसिव एड्स सिस्टम के साथ मिलकर एक एकीकृत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) सूट बनाएंगे. यह व्यापक पैकेज Su-30MKI की कंटेस्टेड इलेक्ट्रॉनिक एनवायरनमेंट में कैपेबिलिट को और मजबूत करेगा.

Su-30MKI की लाइफ 20 साल बढ़ेगी

सुपर सुखोई प्रोग्राम फ्लीट की ऑपरेशनल लाइफ को लगभग दो दशक बढ़ाएगा, जिससे भारत का सबसे भारी एयर सुपीरियरिटी प्लेटफॉर्म क्षेत्रीय खतरों के बीच प्रासंगिक बना रहेगा. डीआरएफएम और जीएएन-आधारित तकनीकों का इंटीग्रेशन न केवल Su-30MKI को आधुनिक बनाएगा, बल्कि तेजस एमके-1ए, एमके-2 और एएमसीए जैसे अन्य स्वदेशी प्लेटफॉर्म्स में उन्नत ईडब्ल्यू सिस्टम्स की अपनाने की गति को तेज करेगा. लोकल इनोवेशन और रणनीतिक अपग्रेड्स से एएसपीजे पहल भारतीय वायुसेना को नेक्स्ट-जनरेशन इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर माहौल में बेहतर एयर डोमिनेंस और मजबूत क्षमता प्रदान करने की स्थिति में ला खड़ा करेगी.

Manish Kumar

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु…और पढ़ें

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु… और पढ़ें

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First Published :

October 31, 2025, 07:18 IST

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