अब उस्ताद नहीं आचार्य कहो बालक… उर्दू-संस्कृत की लड़ाई, राजस्थान में छाई, बीकानेर में भी बंद होगी पढ़ाई

Last Updated:February 18, 2025, 07:53 IST
Rajasthan Urdu Sanskrit Language: राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के अध्यक्ष अमीन कायमखानी ने कहा, “बिना जांच के उर्दू शिक्षकों की डिग्रियों को ‘फर्जी’ करार देना गलत है. पिछली सरकार पर संस्कृत पदों पर उर्दू शिक्षकों …और पढ़ें
राजस्थान में उर्दू-संस्कृत को लेकर बढ़ा विवाद. (सांकेतिक तस्वीर)
हाइलाइट्स
राजस्थान में उर्दू-संस्कृत को लेकर विवाद गहराया.जयपुर के बाद बीकानेर के भी एक सरकारी स्कूल में उर्दू की जगह संस्कृत पढ़ाने को कहा गया.उर्दू के शिक्षकों ने लगाया मंत्री पर गंभीर आरोप.
जयपुर: राजस्थान में इन दिनों स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली उर्दू को लेकर लगातार विवाद गहराता जा रहा है. इस बीच शिक्षा विभाग ने एक और सरकारी स्कूल में उर्दू की जगह संस्कृत पढ़ाने का दिशा निर्देश जारी कर दिया है. बीकानेर का एक सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अप्रैल में शुरू होने वाले नए एकेडमिक सेशन से तीसरी भाषा के रूप में उर्दू की जगह संस्कृत को शामिल करने को कहा गया है. इस तरह का आदेश पाने वाला यह राज्य का दूसरा स्कूल है.
जयपुर के भी एक सरकारी स्कूल में उर्दू पढ़ाने से किया गया मनाटाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक शिक्षा विभाग ने 14 फरवरी को जयपुर के आरएसी बटालियन में महात्मा गांधी सरकारी स्कूल को उर्दू की क्लास बंद करने को और उसकी जगह संस्कृत की क्लास शुरू करने का निर्देश दिया था. यह आदेश कम नामांकन का हवाला देते हुए जारी किया गया था. दोनों आदेशों के खिलाफ बढ़ती नाराजगी के बीच, सोमवार को एक नया विवाद तब खड़ा हो गया जब गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेधम ने एक वायरल वीडियो में कथित तौर पर कहा कि राज्य में कई उर्दू शिक्षकों ने फर्जी डिग्री के साथ नौकरियां हासिल कीं.
गृह राज्य मंत्री का बड़ा आरोपबेधम ने हाल ही में भरतपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के वीडियो में आरोप लगाया, “पिछली (कांग्रेस) सरकार ने संस्कृत शिक्षकों को हटा दिया और उनके स्थान पर उर्दू शिक्षकों को तैनात किया. हम उर्दू नहीं जानते हैं, और कोई भी उस विषय का अध्ययन नहीं करता है, यही कारण है कि हम उर्दू शिक्षकों के पदों को बंद कर देंगे और उस तरह की शिक्षा प्रदान करेंगे जो लोग यहां चाहते हैं.”
उर्दू के टीचरों ने मंत्री के आरोपों को बताया गलतउर्दू शिक्षकों ने मंत्री की टिप्पणियों को “निराधार और गैर-जिम्मेदाराना” बताया और इस पर आपत्ति जताई. राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के अध्यक्ष अमीन कायमखानी ने कहा, “बिना जांच के उर्दू शिक्षकों की डिग्रियों को ‘फर्जी’ करार देना गलत है. पिछली सरकार पर संस्कृत पदों पर उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति का आरोप भी गलत है. मंत्री भाषाई अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर बहुसंख्यक समुदाय को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं. यह नफरत की राजनीति है.”
‘उर्दू की जगह संस्कृत को शामिल करना जरूरत’अधिकारियों ने कहा कि बीकानेर में, नापासर सिंथल रोड सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में उर्दू के स्थान पर संस्कृत को शामिल करने का कदम क्षेत्र की जरूरतों पर आधारित है. एक शिक्षक ने कहा, “12वीं कक्षा का एक अकेला छात्र उर्दू पढ़ता है. 11वीं कक्षा में उर्दू को तीसरी भाषा के रूप में जानने वाला कोई नहीं है. यही कारण है कि इसे बंद किया जा रहा है.”
First Published :
February 18, 2025, 07:53 IST
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अब उस्ताद नहीं आचार्य कहो बालक… उर्दू-संस्कृत की लड़ाई, राजस्थान में छाई