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क्या है अरोमाथेरेपी? शारीरिक और मानसिक सेहत को कैसे रखे हेल्दी?

Last Updated:March 16, 2025, 23:26 IST

Aromatherapy Benefits: अरोमाथेरेपी सुगंधित पौधों के तेलों से तनाव, दर्द और नींद की समस्याओं का प्राकृतिक समाधान है. लैवेंडर, चमेली, तुलसी आदि के एसेंशियल ऑयल्स से मानसिक और शारीरिक लाभ मिलते हैं. यह सिरदर्द, मा…और पढ़ेंक्या है अरोमाथेरेपी? शारीरिक और मानसिक सेहत को कैसे रखे हेल्दी?

अरोमाथेरेपी तनाव, दर्द और नींद की समस्याओं का समाधान है.

हाइलाइट्स

अरोमाथेरेपी तनाव, दर्द और नींद की समस्याओं का समाधान है.इसमें सुगंधित पौधों के तेलों का उपयोग होता है.लैवेंडर, चमेली, तुलसी आदि तेलों का उपयोग होता है.

What is aromatherapy: अरोमाथेरेपी के बारे में तो आपने सुना ही होगा. अरोमाथेरेपी न सिर्फ सुगंध से संबंधित है, बल्कि इसके जरिए कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं का इलाज भी संभव है. खुशबू अच्छी हो तो इसका असर मस्तिष्क को पॉजिटिव तरीके से प्रभावित करता है. मूड बेहतर होता है. अरोमाथेरेपी में सुगंधित पौधों की जड़, पत्ती, तेल, तना आदि का इस्तेमाल किया जाता है. चलिए जानते हैं अरोमाथेरेपी के बारे में विस्तार से…

क्या है अरोमाथेरेपी?

अरोमाथेरेपी प्रक्रिया में सिर्फ सुगंध को स्मेल ही नहीं किया जाता है, बल्कि एसेंशियल ऑयल्स के जरिए त्वचा पर मसाज किया जाता है, जिसके ढेरों चिकित्सीय लाभ मिलते हैं. अरोमा का अर्थ है ‘खुशबू’ और ‘थेरेपी’ का अर्थ है चिकित्सा. अरोमाथेरेपी तनाव दूर करता है. थकान को कम करता है. सुगंधित पौधों, जड़ी-बूटियों, फूलों, छाल, पत्तों जैसी प्राकृतिक तत्वों से निकाले जाने वाले एसेंशियल ऑयल्स का उपयोग सदियों से किया जा रहा है. एसेंशियल ऑयल्स से मन शांत होता है. जिन्हें नींद नहीं आती है, उनके लिए भी अरोमाथेरेपी रामबाण है. इससे आप फ्रेश बने रहेंगे. इसमें कई एसेंशियल ऑयल्स उपयोग में लाए जाते हैं जैसे लैवेंडर, चमेली, तुलसी, रोजमेरी, गुलाब, सौंफ, अदरक, लेमनग्रास आदि.

अरोमाथेरेपी के फायदे

-अरोमाथेरेपी से दर्द कम होता है. नींद न आने की समस्या दूर होती है. जोड़ों का दर्द कम होता है. सिरदर्द और माइग्रेन में राहत मिलता है. कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों को कम करने के साथ ही डिलीवरी के दौरान तकलीफ कम करने, पाचन सुधारने में भी किया जाता है.

-अरोमाथेरेपी सर्दी और फ्लू को ठीक करने में मदद करता है. बैक्टीरिया के संक्रमण को कम करता है. अरोमाथेरेपी स्मेल करने और त्वचा से तेल अवशोषण के जरिए काम करती है. इसके लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है जैसे डिफ्यूजर, खुशबू वाले स्प्रे, इन्हेलर सूंघने की क्रिया पर काम करते हैं. नहाने के पानी में मिलाकर मालिश करने से  लिए तेल, क्रीम या लोशन, चेहरे पर भाप लेना, गर्म या ठंडी सिकाई, मिट्टी के लेप त्वचा के जरिए अवशोषण पर कार्य करते हैं.

-लैवेंडर तनाव, चिंता या खराब मूड को ठीक करने के लिए लैवेंडर अरोमाथेरेपी का उपयोग किया जाता है. लैवेंडर की खुशबू मन को शांति देती है. ऐसे ही यूकेलिप्टस के एसेंशियल ऑयल की खुशबू लेने से बंद गले को साफ करने और खांसी को ठीक करने में मदद मिल सकती है.

-चमेली की हल्की खुशबू सूंघने से तरोताजा महसूस होता है. यह तनाव, डिप्रेशन जैसी मानसिक स्थितियों से निपटने में भी सहायक साबित हो सकती है. वहीं, तुलसी का पौधा लगभग हर घर में पाया जाता है.  तुलसी का प्रयोग सर्दी, जुकाम, सर्दी के साथ ब्लड प्रेशर, हृदय गति को सामान्य करने में मदद कर सकता है.

इनपुट-आईएएनएस


First Published :

March 16, 2025, 23:26 IST

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