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महादेव को बेहद पसंद है ये फूल, इसकी चाय से करें दिन शुरू; बीमारियां रहेंगी कंट्रोल – Uttarakhand News

Last Updated:November 05, 2025, 17:31 IST

Benefits of Aparajita flower tea: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में अब अपराजिता (Butterfly Pea Flower) की चाय तेजी से लोकप्रिय हो रही है. नीले रंग के खूबसूरत फूलों से तैयार यह चाय न केवल स्वाद में अनोखी होती है, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद मानी जाती है.आइए इनके फायदों के बारे में व‍िस्‍तार से जानते हैं.The popularity of Aparajita tea is increasing in Bageshwar.

उत्तराखंड के बागेश्वर समेत कुमाऊं के कई इलाकों में इन दिनों अपराजिता फूलों की चाय तेजी से लोकप्रिय हो रही है. यह चाय अपने नीले रंग और औषधीय गुणों के कारण लोगों को आकर्षित कर रही है. स्थानीय लोग अब इसे सुबह की दिनचर्या में शामिल कर रहे हैं. पहाड़ी जलवायु में उगने वाला यह पौधा घरों की सजावट के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी उपयोगी है. पहले जहां लोग इसे केवल सजावटी पौधा मानते थे, वहीं अब इसकी पत्तियों और फूलों से बनी चाय को स्वास्थ्यवर्धक पेय के रूप में अपनाया जा रहा है.

Aparajita has been important in Ayurveda since ancient times.

बागेश्वर की आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. संगीता ने लोकल 18 को बताया कि अपराजिता या बटरफ्लाई पी फ्लावर को आयुर्वेद में शंखपुष्पी कुल की औषधि माना गया है. इसका उपयोग मानसिक शांति, स्मरण शक्ति बढ़ाने और तनाव कम करने के लिए सदियों से किया जा रहा है. आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसे मस्तिष्क की कार्यक्षमता सुधारने वाला पौधा बताया गया है. इसके फूलों में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट शरीर की कोशिकाओं को मुक्त कणों से बचाते हैं. यही कारण है कि आधुनिक हर्बल ड्रिंक के रूप में भी इसकी मांग बढ़ रही है. यह पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक स्वास्थ्य के संगम का सुंदर उदाहरण बन गया है.

Simple method of making Aparajita tea

अपराजिता चाय तैयार करना बेहद आसान है. इसके लिए 5 से 8 ताजे या सूखे फूल लें और उन्हें अच्छी तरह धो लें. अब एक कप पानी उबालें और इन फूलों को कप में डालकर ऊपर से उबलता पानी डालें. 5 से 10 मिनट तक इसे ढककर रखें ताकि फूलों का प्राकृतिक रंग और गुण पानी में घुल जाएं. जब पानी का रंग गहरा नीला हो जाए, तो इसे छान लें. चाहें तो स्वाद के लिए थोड़ा शहद या नींबू का रस मिला सकते हैं. नींबू डालने पर इसका रंग नीले से बैंगनी में बदल जाता है.

Attractive color changing from blue to purple

अपराजिता चाय का सबसे आकर्षक पहलू इसका जादुई रंग परिवर्तन है. जब इसे गर्म पानी में डाला जाता है, तो यह गहरे नीले रंग की हो जाती है, जबकि नींबू की कुछ बूंदें डालते ही इसका रंग बैंगनी हो जाता है. यह परिवर्तन फूलों में मौजूद प्राकृतिक एंथोसायनिन पिगमेंट की वजह से होता है. यही तत्व एंटीऑक्सीडेंट के रूप में शरीर को बीमारियों से बचाने में मदद करता है. यह चाय न केवल स्वादिष्ट और रंगीन होती है, बल्कि देखने में भी बेहद मनमोहक लगती है, जिससे पीने वाले का मूड तुरंत तरोताजा हो जाता है.

Helpful in reducing stress and improving sleep

अपराजिता फूलों में पाए जाने वाले तत्व मस्तिष्क को शांत करने में सहायक होते हैं. यह चाय दिमाग में सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे रसायनों के संतुलन को सुधारती है, जिससे तनाव और चिंता कम होती है. कई शोधों के अनुसार, इसे शाम को पीने से नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है और मन को शांति मिलती है. पहाड़ी क्षेत्रों में लोग इसे प्राकृतिक तनाव निवारक पेय के रूप में अपना रहे हैं. बिना किसी दवा के, यह शरीर और मन दोनों को रिलैक्स करने का प्राकृतिक तरीका है.

Beneficial for skin and hair as well

अपराजिता चाय सिर्फ स्वास्थ्य नहीं, बल्कि सौंदर्य के लिए भी उपयोगी है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा की कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं और झुर्रियों को कम करने में मदद करते हैं. यह शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालकर त्वचा को निखार देता है. इसके नियमित सेवन से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं और बाल झड़ना कम होता है. इसलिए अब कई ब्यूटी थेरेपिस्ट भी इसे नेचुरल स्किन टॉनिक के रूप में सुझा रहे हैं. यह सौंदर्य और सेहत दोनों के लिए एक उत्तम हर्बल ड्रिंक है.

Herbal drinks effective in boosting immunity

अपराजिता चाय को एक शक्तिशाली इम्यूनिटी बूस्टर माना जाता है. इसके फूलों में फ्लेवोनॉयड्स, एंथोसायनिन और टैनिन जैसे यौगिक पाए जाते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं. यह वायरल इंफेक्शन, सर्दी-जुकाम और थकान जैसी समस्याओं से शरीर को प्राकृतिक रूप से बचाता है. पहाड़ों में ठंड के मौसम में लोग इसे गर्म चाय की तरह पीते हैं, ताकि शरीर में ऊर्जा बनी रहे और प्रतिरोधक क्षमता कम न हो. यह प्रकृति की ओर लौटने का बेहतरीन तरीका बनता जा रहा है.

Local women are creating new livelihood sources.

बागेश्वर और आसपास के गांवों में अब महिलाएं अपराजिता फूलों की खेती कर रही हैं. सूखे फूलों को बाजार में बेचकर वे अतिरिक्त आमदनी भी कमा रही हैं. कुछ स्वयं सहायता समूह तो इन फूलों से तैयार हर्बल टी पैक करके स्थानीय बाजार में बेच रहे हैं. इससे न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिल रहा है, बल्कि पारंपरिक ज्ञान भी संरक्षित हो रहा है. यह पहल पहाड़ की महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम मानी जा रही है.

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November 05, 2025, 17:31 IST

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महादेव को बेहद पसंद है ये फूल, इसकी चाय से करें दिन शुरू; बीमारियां रहेंगी दूर

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